Sunday, August 19, 2012

माँ मुझे सैनिक बना दो...


माँ मुझे सैनिक बना दो...
चाहता रणभूमि को जाना
मुझे तलवार ला दो

आज सुनना चाहता हूँ
मैं न परियों की कहानी
आज मुझसे मत कहो
था एक राजा एक रानी
किंतु राणा की, शिवा की
शक्ति तुम मुझमें जगा दो।
माँ मुझे सैनिक बना दो...

जो उठाए भूल कर भी
आँख मेरी मातृ-भू पर
मैं उड़ा दूँ शीश उसका
वह मुझे कौ‍शल सिखा दो।
माँ मुझे सैनिक बना दो..

शत्रुदल के प्रबल बादल
देश के नभ पर रहे घिर
आँसुओं से मार्ग मेरा
तुम न रोको, आज माँ फिर
आज तो रण-तिलक मंगल
विहँस मस्तक पर लगा दो।
माँ मुझे सैनिक बना दो..
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...